• पूर्व में यातायात थाना का कार्यक्षेत्र नगर निगम/परिषद क्षेत्र तक सीमित था जिसे वर्त्तमान में विस्तार कर सम्पूर्ण जिला कर दिया गया है।
• पूर्व से 12 जिलों में यातायात थाना एवं पुलिस उपाधीक्षक(यातायात) का पद सृजित था। वर्तमान में राज्य के सभी 40 जिलों(पुलिस जिला बगहा एवं नवगछिया सहित) में यातायात थाना एवं पुलिस उपाधीक्षक(यातायात) का पद सृजित है।
• पूर्व से सृजित 12 जिलों हेतु 4,556 यातायात बल स्वीकृत था जो नवसृजित 28 जिलों हेतु स्वीकृत 4,215 नये यातायात बल के बाद बढ़कर कुल 8,771 हो गया है।
• राज्य के सभी यातायात थानों को कुल 86 वाहन एवं पुलिस उपाधीक्षक(यातायात) को कुल 43 वाहन उपलब्ध करायी गयी है।
• राज्य अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क सुरक्षा एवं यातायात विनियमन हेतु हाईवे पेट्रोलिंग योजना की स्वीकृति मिली है जिसके प्रथम चरण में 61 वाहनों (विविध उपकरणों सहित) को सर्वाधिक दुर्घटना प्रवण राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रतिनियुक्त किया गया है। इस हेतु कुल 1,560 मानव बल की स्वीकृति मिली है।
• सभी यातायात जिलों में स्थाई आदेश सं0-02/23 के आलोक में पदाधिकारियों/ कर्मियों की पदस्थापना प्रक्रियान्तर्गत है जिसमें Age Profile को ध्यान में रखा गया है यथा सिपाही 35 वर्ष से कम उम्र का हो।
• यातायात प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण हेतु सिलेबस को अंतिम रूप देते हुए IDTR औरंगाबाद में Induction प्रशिक्षण माह जून से प्रारम्भ किया गया है और अबतक तक 1,670 पदाधिकारियों/कर्मियों का प्रशिक्षण करा लिया गया है।
• पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर एवं बिहार शरीफ(नालंदा) अन्तर्गत स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत यातायात प्रबंधन का कार्य बेहतर ढंग से प्रारम्भ किया गया है जिसका व्यापक असर यातायात नियमों के अनुपालन के रूप में परिलक्षित हो रहा है।
• राज्य के सभी टॉल प्लाजा पर ई-डिटेक्शन पोर्टल व्यवस्था के माध्यम से वाहनों का डाटा संकलित कर इनकी सघन जाँच एवं प्रवर्तन की कार्रवाई की जा रही है। इससे राजमार्गों पर फिट वाहनों के परिचालन को प्रोत्साहन मिलेगा।
• सम्पूर्ण राज्य में दिनांक 01.11.2023 से मैनुअल चालान बंद करते हुए 1527 HDD मशीनों के माध्यम से फोटोग्राफिक साक्ष्य के साथ पारदर्शी तरीके से यातायात प्रवर्तन की कार्रवाई की जा रही है।
• राज्य अन्तर्गत सभी पु0अ0नि0 एवं इससे ऊपर की पंक्ति के पुलिस पदाधिकारी को यातायात नियमों के उल्लंघन के विरूद्ध शमन की शक्ति प्रदान की गयी है। पहली बार MV Act. की धारा-194(ए) (अधिक यात्रियों का वहन) एवं 196 (बीमा ना किए गये यान को चलाना) आदि के तहत शमन की शक्ति प्रदान की गयी है।
• सड़क दुर्घटना से संबंधित डाटा डिजिटल फॉर्म (i-RAD/e-DAR) में संकलन हेतु राज्यान्तर्गत सभी थानों को 1220 स्मार्ट फोन (सिम सहित) उपलब्ध करायी गयी है। इससे गौहर मोहम्मद बनाम UPSRTC न्यायादेश-सड़क दुर्घटना से संबंधित कांडों का ससमय अनुसंधान एवं मुआवजा भुगतान में सुविधा होगी।
• अपर पुलिस महानिदेशक(यातायात) के कार्यालय में पुलिस उप-महानिरीक्षक एवं सहायक पुलिस महानिरीक्षक का पद सृजित किया गया है।